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विकास दुबे

यह कहानी है एक ऐसे खतरनाक शख्स की जिसने पूरे भारत को हिला दिया है एक ऐसा शख्स जिसने देश के लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है ,एक ऐसा शख्स जिसने लोगों का प्रशासन से विश्वास तक उठा दिया है ,एक ऐसा शख्स जिसने न्याय व्यवस्था को पूरी तरीके से ध्वस्त कर दिया, एक ऐसे शख्स की जिसके चुटकी बजाते ही ना जाने कितने सैकड़ों युवा अपनी जान देने को तैयार थे ,एक ऐसा शख्स जिसने अपने आप को न्याय व्यवस्था  से भी ऊपर मान लिया!
जी हां मैं बात कर रहा हूं विकास दुबे की!
शिवली  के एक गांव  बिकरू में जन्मा या व्यक्ति आज पूरे भारतवर्ष के लिए एक अभिशाप बन चुका है न जाने कितने मुकदमे इस सकते नाम दर्ज है किंतु राजनीतिक व प्रशासनिक संपर्क होने के कारण या हर बार बच गया!
हद तो तब हो गई जब आज से 5 दिन पहले रात के समय को इसने 8 पुलिस वालों को मौत के घाट उतार दिया यह बात तब की है जब लगभग 50 की संख्या में  पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए इसके घर की घेराबंदी कर ली रात का समय था और इस बात की भनक लग गई थी इसने और उसके साथियों ने मिलकर के धुआंधार गोलियां चलाई जिन से 8 निर्दोष पुलिस वालों की जान चली गई!😥😥😥😥😥

कानपुर में गुरुवार देर रात दबिश देने गई पुलिस टीम के आठ जवानों को मौत की नींद सुलाने वाले विकास दुबे का अपराध करने का सिलसिला वर्ष 1990 से शुरू हुआ था। बिकरु गांव निवासी किसान के बेटे विकास ने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए नवादा गांव के किसानों को वर्ष 1990 में पीटा था।

विकास दुबे तीसरा मोस्ट वांटेड इंसान है पूरे प्रदेश में
8 पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास प्रदेश का तीसरा मोस्ट वॉन्टेडअपराधी हो गया है। अभी तकलूट, हत्या, रासुका जैसी संगीन धाराओं में 60 केस दर्ज होने के बाद भी वह टॉप-10 अपराधियों में शामिल नहीं था। अब विकास पर ढाई लाख का इनाम है। विकास के अलावा उत्तर प्रदेश में दो ऐसे अपराधी हैं जिन पर ढाई-ढाई लाख का इनाम है। इनमें से एक मेरठ का मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दो और दूसरा पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी आशुतोष है।


उसके आगे पुलिस भी रहती थी नतमस्तक

एसटीएफ की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है विकास के मददगारों के नाम भी बढ़ते जा रहे हैं। चौबेपुर, बिल्हौर, ककवन, शिवराजपुर थाने के 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को एसटीएफ ने रडार पर लिया है। इन सभी के मोबाइल फोन सर्विलांस पर हैं। एसटीएफ की जांच में यह भी पता चला है कि विकास का क्षेत्र में ऐसा दबदबा था कि पुलिसकर्मी उसके आगे नतमस्तक रहते थे। विकास की अनुमति के बाद ही पुलिस जांच के लिए जाती थी। अधिकतर मामले विकास अपने घर पर ही बुलाकर हल करा देता था।

कानपुर मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट ने जांच शुरू की
कानपुर मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट्र जांच चौथे दिन शुरू कर दी गई है। एडीएम ने एफआईआर कॉपी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बयानों की कॉपी मांगी है। गांव में क्या-क्या हुआ? किसने क्या क्या किया? इसको लेकर मजिस्ट्रेट ने जांच अपनी शुरू की है। मौके के परीक्षण के साथ ही जेसीबी चालक और बिजली काटे जाने के बिंदुओं की भी जांच की जाएगी। एडीएम भू-राजस्व प्रमोद शंकर शुक्ला को जांच मजिस्ट्रेट बनाया गया है।

 गोली मार दो मेरे बेटे को जहां भी मिले-

जरा सोचिए क्या बीती होगी उस मां पर जो कलेजे पर पत्थर रखकर अपने ही बेटे को गोली मारने की बात कह रही है जी हां विकास की मा सरला देवी ने यह कहा कि जहां भी मिले मेरे बेटे को गोली मार दो!